एकमात्र माँ का रिश्ता जो प्रकृति में हर जगह दृष्टिगोचर होता है। माँ के प्यार का सैलाब पशु पक्षियों म... एकमात्र माँ का रिश्ता जो प्रकृति में हर जगह दृष्टिगोचर होता है। माँ के प्यार का ...
मैं प्रेम में हूँ मैं प्रेम में हूँ
दिल ढ़ूढता है फिर उस दौर को, सिमट गई घड़ियाँ यादों के पिंजरे में जैसे कैद कर ली हो रूह दिल ढ़ूढता है फिर उस दौर को, सिमट गई घड़ियाँ यादों के पिंजरे में जैसे कैद क...
कभी-कभी ज़िन्दगी से हताश हो जाते हैं हम खास तौर पर तब जब हम जैसा सोचते हैं वैसा नहीं होता है। कभी-कभी ज़िन्दगी से हताश हो जाते हैं हम खास तौर पर तब जब हम जैसा सोचते हैं वैसा न...
जिस दिन मौन टूटा प्रलय का बुलावा खड़ा होगा तुम्हारे द्वार पर। जिस दिन मौन टूटा प्रलय का बुलावा खड़ा होगा तुम्हारे द्वार पर।
Afraid of expressing ourselves Afraid of expressing ourselves